एनसीबी मुंबई के जोनल डायरेक्टर अमित घवाटे पर फर्जी केस गढ़ने का आरोप



मुंबई, 6 फरवरी 2025

एनसीबी मुंबई के जोनल डायरेक्टर *अमित घवाटे, आईआरएस* पर फर्जी केस गढ़ने और निर्दोष व्यक्तियों को फंसाने के गंभीर आरोप लगे हैं। यह आरोप **Eye Zone Mumbai* के संपादक **नदीम कपूर* ने लगाते हुए *गृह मंत्रालय, भारत सरकार* को शिकायत भेजी है।

अमित घावटे, आईआरएस (जोनल डायरेक्टर, एनसीबी मुंबई
अमित घावटे, आईआरएस (जोनल डायरेक्टर, एनसीबी मुंबई

### *क्या है पूरा मामला?*

एनसीबी मुंबई ने दावा किया था कि उसने *1.431 किलोग्राम मेफेड्रोन (एमडी)* जब्त किया है, जिसकी कीमत *60 लाख रुपये से अधिक* आंकी गई थी। इस मामले में *चार लोगों की गिरफ्तारी* भी हुई थी।

*21-22 अक्टूबर 2022* की रात एनसीबी अधिकारियों ने *ठाणे के मुंब्रा इलाके* में एक स्थानीय तस्कर को 36 ग्राम मेफेड्रोन के साथ गिरफ्तार करने का दावा किया था। लेकिन यह पूरा मामला *गंभीर रूप से संदेहास्पद* प्रतीत होता है और इसे *अमित घवाटे के निर्देशन में गढ़ा गया* बताया जा रहा है।

### *शिकायत में लगाए गए प्रमुख आरोप:*

#### *1. जबरन फर्जी केस बनाने की वजह*
– *एनसीबी मुख्यालय, दिल्ली* ने अक्टूबर 2022 में *60 किलोग्राम मेथामफेटामाइन* जब्त किया था।
– यह *10 किलोग्राम जामनगर, गुजरात से* और *50 किलोग्राम मुंबई एनसीबी कार्यालय के पास* पकड़ा गया था।
– यह *एनसीबी मुंबई की उपलब्धि नहीं मानी गई, जिससे मुख्यालय में **असंतोष* था।
– *अपनी साख बचाने* के लिए *अमित घवाटे ने जल्दबाजी में एक फर्जी मामला गढ़ने की योजना बनाई*।

#### *2. रेड और बरामदगी की असली सच्चाई*
– *मुंबई के दो ठिकानों पर छापेमारी हुई, जहां से **11 लाख रुपये जब्त किए गए, लेकिन **कोई ड्रग्स नहीं मिली*।
– *तथ्य गढ़ने के लिए* घवाटे ने *245 ग्राम एमडी बाजार से खरीदकर एक आरोपी के पास रखवा दी*।

#### *3. झूठे सबूत और मनगढ़ंत गिरफ्तारी*
– मुख्य आरोपी का *फोन पहले से सर्विलांस पर था, लेकिन **किसी भी ड्रग तस्करी का कोई सबूत नहीं मिला*।
– बावजूद इसके, आरोपी को *फर्जी सबूतों के आधार पर फंसाया गया*।

#### *4. घवाटे के अवैध आदेश और छिपी बातचीत*
– *कोई भी आधिकारिक आदेश या लिखित निर्देश नहीं दिए जाते*।
– *सभी आदेश सिर्फ व्हाट्सएप कॉल पर दिए जाते हैं*, ताकि कोई आधिकारिक रिकॉर्ड न रहे।

### *क्या मांग की गई है?*
– सभी *आरोपियों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात* कर उनकी *व्यथा सुनी जाए*।
– *अमित घवाटे के खिलाफ तुरंत जांच* शुरू की जाए।
– निर्दोष व्यक्तियों को *फर्जी मामलों में फंसाने से रोका जाए* और दोषी अधिकारियों पर *कार्रवाई हो*।

यह मामला *एनसीबी के कामकाज की पारदर्शिता पर सवाल* खड़ा करता है। यदि इन आरोपों की निष्पक्ष जांच होती है, तो यह भ्रष्ट अधिकारियों के लिए एक *चेतावनी* होगी और *न्याय की जीत* सुनिश्चित होगी।

*- नदीम कपूर*
*संपादक, *Eye Zone Mumbai**


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