मुंबई:पायधुनी पुलिस स्टेशन में दर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में है। The Yusuf Ebrahim Gardee Charity Trust से जुड़े दो ट्रस्टियों के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज होने के बाद भी आरोपी अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
क्या है मामला?
शिकायतकर्ता यूसुफ इब्राहिम गार्डी, जो अमेरिका के फ्लोरिडा में रहते हैं, ने आरोप लगाया है कि ट्रस्ट से जुड़े दो ट्रस्टी—इम्तियाज इस्माइल पटनी और मोहम्मद हनीफ नखांडे ने ट्रस्ट की संपत्तियों से जुड़े दस्तावेजों में हेरफेर कर फर्जी परिवर्तन रिपोर्ट दायर की। आरोप है कि इन लोगों ने फर्जी हस्ताक्षर कर ट्रस्ट की संपत्तियों को अपने नाम कराने की कोशिश की।
आरोपियों के खिलाफ दर्ज धाराएं
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ **भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 405, 406, 409, 419, 420, 465, 467, 471 r/w 34** के तहत मामला दर्ज किया है।
*आरोपियों के इरादे क्या हैं?*
सूत्रों की मानें तो *इम्तियाज इस्माइल पटनी*ने दावा किया है कि *”पुलिस हमें नहीं पकड़ पाएगी क्योंकि हमने पहले ही एंटीसिपेटरी बेल की एप्लीकेशन दायर कर दी है। जैसे ही मेरे साथी को बेल मिलेगी, हम भी बेल ले लेंगे।”*
**पुलिस की सुस्ती पर सवाल**
एफआईआर दर्ज हुए **5 दिन हो चुके हैं**, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि **आखिर पायधुनी पुलिस क्या कर रही है?* क्या पुलिस आरोपियों को समय दे रही है ताकि वे अग्रिम जमानत ले सकें?
एनआरआई और ट्रस्ट संपत्तियों पर बढ़ती धोखाधड़ी*
मुंबई में एनआरआई और ट्रस्ट संपत्तियों से जुड़े मामलों में इस तरह की धोखाधड़ी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के मामलों में पुलिस को तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि आरोपियों को कानून की गिरफ्त से भागने का मौका न मिले।
क्या होगा आगे?
अब देखना यह होगा कि पायधुनी पुलिस जल्द कोई ठोस कदम उठाएगी या यह मामला भी अन्य धोखाधड़ी मामलों की तरह लंबित रहेगा।