मुख्य संपादक नदीम कपूर।*
मुंबई:एक NRI व्यक्ति के साथ हुई जालसाजी और धोखाधड़ी के मामले में नया मोड़ आया है। आर्थिक अपराध शाखा की रिपोर्ट के आधार पर इस मामले को दीवानी (सिविल) स्वरूप का बताकर बंद करने के आदेश को लेकर पीड़ित ने सत्र न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने राज्य सरकार और आठ प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया है।
नोटिस प्राप्त करने वाले प्रतिवादी:
1. इम्तियाज इस्माइल पटनी
2. हबीब उर रहमान गार्डी
3. शब्बीर अहमद हसन करोलिया
4. यूसुफ हसन करोलिया
5. गुलाम मोहम्मद इस्माइल रंदेरा
6. इस्माइल दाऊद बिलमिल्ला
7. मोहम्मद शोएब इस्माइल भागत
8. मुस्लिम अजगर उमर्थवाला
क्या है मामला?
पीड़ित यूसुफ गार्डी ने आरोप लगाया है कि इम्तियाज पटनी, जिसे शिकायतकर्ता बनाया गया था, उसी व्यक्ति ने निचली अदालत में केस बंद करने की सहमति दे दी थी। इस वजह से पीड़ित को न्याय नहीं मिल सका। इसी के चलते अब उन्होंने सत्र न्यायालय में याचिका दाखिल कर मामले को दोबारा खोलने की गुहार लगाई है।
पीड़ित का कहना है कि मामले में गंभीर आर्थिक अपराध हुआ है, लेकिन इसे सिर्फ दीवानी विवाद बताकर बंद कर दिया गया था, जो न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करता है। अब सत्र न्यायालय ने इस याचिका को संज्ञान में लेते हुए राज्य सरकार और प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है।
क्या होगा आगे?
अब देखना होगा कि सत्र न्यायालय इस मामले में आगे क्या रुख अपनाता है। क्या पीड़ित को न्याय मिलेगा या फिर इस मामले को पुनः खारिज कर दिया जाएगा? इस मामले में अगली सुनवाई जल्द ही निर्धारित होने की संभावना है।