रोहा शहर में खुलेआम चल रहा अवैध मटका व्यापार: पुलिस की चुप्पी पर उठे सवाल



रोहा शहर में खुलेआम चल रहा अवैध मटका व्यापार: पुलिस की चुप्पी पर उठे सवाल

रोहा, 20 अप्रैल – वार्ताहर

रोहा शहर इन दिनों अवैध मटका व्यापार का अड्डा बनता जा रहा है। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि यह व्यापार अब शहर की मुख्य सड़कों और नागरिकों की रहदारी वाले इलाकों में खुलेआम चलता नजर आ रहा है। पुलिस प्रशासन पर निष्क्रियता और मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने यह मुद्दा गंभीरता से उठाया है।

सूत्रों के अनुसार, मटका व्यापारियों द्वारा पुलिस अधिकारियों को नियमित रूप से ‘हप्ता’ दिया जाता है, जिस कारण इन अवैध अड्डों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। यह एक संगठित अवैध कारोबार का रूप ले चुका है, जिससे न केवल आम नागरिक प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि कई युवाओं की जिंदगी भी बर्बादी की ओर जा रही है।

अवैध अड्डों की सूची –

  1. रोहा बस स्टैंड के पास फुलवाले लाइन के पीछे
  2. चित्रकूट कॉम्प्लेक्स
  3. नागावकर परिसर
  4. मातोश्री मंगल कार्यालय के पास
  5. रोहा बंदर रोड
  6. अष्टमी की ओर जाने वाले पुल के पास साळवी होटल
  7. दमखाडी जयराम होटल के पास पान की टपरी
  8. भुवनेश्वर कैनाल रोड की ओर जाने वाले रास्ते पर चाय की टपरी

सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब उन्होंने रोहा पुलिस स्टेशन के निरीक्षक श्री मारुति पाटील से संपर्क कर जानकारी दी, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। कई बार सटीक लोकेशन भी साझा की गई, बावजूद इसके कार्रवाई न होना चिंताजनक है।

मानसिक तनाव और आत्महत्याओं की घटनाएं बढ़ीं

अवैध सट्टेबाजी की लत के चलते कई परिवारों में विवाद और मानसिक तनाव का माहौल बना हुआ है। कुछ मामलों में तो लोगों ने आत्महत्या जैसा कठोर कदम भी उठाया है। बेरोजगार और शिक्षित युवा जल्द पैसा कमाने की चाह में इस दलदल में फंसते जा रहे हैं।

पुलिस-मटका गठजोड़ की चर्चा

स्थानीय लोगों के अनुसार, मटका व्यापारियों और पुलिस के बीच गहरे संबंध हैं। व्यापारियों द्वारा खुलेआम यह दावा किया जाता है कि “हम पुलिस को पैसा देते हैं, हमें कोई कुछ नहीं कर सकता।” यह रवैया कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाता है और आम नागरिकों में भय का माहौल पैदा करता है।

सामाजिक आक्रोश और आगामी आंदोलन की चेतावनी

स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही इस अवैध व्यापार पर रोक नहीं लगाई गई तो वे जिला पुलिस अधीक्षक सोमनाथ घार्गे से शिकायत करेंगे और जरूरत पड़ी तो रोहा पुलिस स्टेशन पर महिलाओं के नेतृत्व में ठिया आंदोलन भी छेड़ा जाएगा।

निष्कर्ष

रोहा जैसे शांत शहर में अवैध मटका व्यापार का इस कदर फैलना गंभीर चिंता का विषय है। पुलिस प्रशासन को तत्काल कार्रवाई कर इस सामाजिक बुराई को खत्म करना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित और नशामुक्त वातावरण मिल सके।


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