💥 समीर वानखेडे को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत – कोर्ट ने कहा, CBI को पूछताछ से पहले लेनी होगी अनुमति.
🖊 प्रकाशित: नदीम कपूर | 📅 9 जुलाई 2025
मुंबई – नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के पूर्व ज़ोनल डायरेक्टर समीर ज्ञानदेव वानखेडे को आज बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उनके खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी को चुनौती देने वाली याचिका को अदालत ने स्वीकार कर लिया है और अंतरिम राहत प्रदान करते हुए जांच एजेंसी को कड़ी चेतावनी भी दी है।
वानखेडे ने यह याचिका भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत दायर की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके खिलाफ दर्ज की गई CBI की प्राथमिकी राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है। उन्होंने दावा किया कि आर्यन खान ड्रग्स केस की जांच के दौरान उन्होंने केवल कानून के अनुसार अपने कर्तव्यों का पालन किया और कोई रिश्वत नहीं मांगी गई थी।
### 🔎 कोर्ट की सख्त टिप्पणी:
सुनवाई के दौरान माननीय न्यायमूर्ति गडकरी ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि CBI को समीर वानखेडे से पूछताछ करनी है, तो उसे पहले हाईकोर्ट से अनुमति लेनी होगी। ऐसा न करने पर इसे अदालत की अवमानना (Court of Contempt) माना जाएगा।
इसके साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17A के अनुसार **किसी भी सरकारी अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से पहले सक्षम प्राधिकारी से अनुमति लेना आवश्यक है*, जो कि इस मामले में नहीं ली गई थी।
### ⚖ न्यायालय ने जताई चिंता:
कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि अगर समीर वानखेडे ने रिश्वत नहीं मांगी, बल्कि उन्हें रिश्वत की पेशकश की गई, तो फिर उस व्यक्ति — शाहरुख खान— की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। न्यायमूर्ति गडकरी ने धारा 8 का हवाला देते हुए कहा कि रिश्वत की पेशकश करने वाला भी अभियुक्त हो सकता है।
📌 वानखेडे का तबादला भी सवालों के घेरे में:
इस पूरे मामले में समीर वानखेडे का अचानक और गलत तरीके से किया गया तबादला** भी सवालों के घेरे में है। जानकारों का मानना है कि वानखेडे का ट्रांसफर कुछ प्रभावशाली लोगों के हितों की रक्षा के लिए किया गया था। अब यह सवाल उठने लगा है कि **आख़िर उनके ट्रांसफर से किसको फायदा मिला?
### 📰 निष्कर्ष:
* ✅ समीर वानखेडे को हाईकोर्ट से अंतरिम राहत।
* ❌ बिना अनुमति CBI नहीं कर सकेगी पूछताछ।
* ⚖ कोर्ट ने धारा 17A और 8 पर उठाए अहम सवाल।
* 📍 समीर वानखेडे के ट्रांसफर की मंशा पर भी सवाल।
यह मामला अब राष्ट्रीय स्तर पर बहस का विषय बन चुका है. और आने वाले समय में यह केस **जांच एजेंसियों की निष्पक्षता और राजनीतिक दखल** पर गंभीर सवाल खड़ा कर सकता है।
👉 एक तरफ समीर वानखेडे को राहत मिली, तो दूसरी तरफ CBI के लिए यह आदेश किसी सख्त चेतावनी से कम नहीं है।
📢 *समाचार विशेष रिपोर्ट: नदीम कपूर, मुंबई*
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