अलीबाग: रायगढ़ जिले के अलीबाग में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को एलसीबी (लोकल क्राइम ब्रांच) की कुर्सी से हटाने के लिए एक महिला का उपयोग करने की कोशिश की गई। यह मामला बालासाहेब खाड़े, जो पिछले 13 महीनों से एलसीबी की कुर्सी पर बैठे हैं, और उनके सहकर्मी अभिजीत भुजबल के बीच की प्रतिद्वंद्विता को उजागर करता है।
बालासाहेब खाड़े ने अपने कार्यकाल के दौरान कई बड़े मामलों को सुलझाया है, जिसमें हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार करना और डुप्लीकेट सिगरेट के नेटवर्क को तोड़ना शामिल है। उनके काम की सराहना की गई है, लेकिन यह सफलता कुछ लोगों को रास नहीं आई।
सूत्रों के अनुसार, पुलिस निरीक्षक अभिजीत भुजबल ने एक बीजेपी कार्यकर्ता से संपर्क किया और उन्हें झूठी जानकारी दी कि बालासाहेब खाड़े पर 9 महिलाओं के साथ बलात्कार के आरोप में केस दर्ज होने वाला है। भुजबल ने यह भी दावा किया कि खाड़े ने उनकी पत्नी के मोबाइल पर एसएमएस किया है और 9 कांस्टेबलों के साथ भी गलत किया है। भुजबल का एकमात्र मकसद बालासाहेब खाड़े को हटाकर एलसीबी की कुर्सी हासिल करना था।
इस पूरे मामले में महिला ने 26 दिसंबर 2024 को अलीबाग के एसपी कार्यालय में एक बयान दर्ज कराया। उन्होंने एसपी के सामने कहा कि अभिजीत भुजबल ने उन्हें रात 11 बजे मिलकर यह झूठी जानकारी दी और उनसे सहयोग मांगा। महिला का बयान पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज है, और इसकी कॉपी हमारे पास भी उपलब्ध है।
हैरानी की बात यह है कि महिला के इतने गंभीर बयान देने के बावजूद, रायगढ़ जिले के एसपी सोमनाथ घारगे ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। 9 जनवरी 2025 को इस मामले में डीजीपी मैडम और रायगढ़ जिले के आईजी संजय दराडे को मेल भेजकर सख्त कार्रवाई की मांग की गई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। एसपी को व्हाट्सएप पर भी संदेश भेजकर अभिजीत भुजबल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया।
अभिजीत भुजबल पर थाने में भी गुना दर्ज होने की बात सामने आई है, लेकिन उन्हें न तो सस्पेंड किया गया है और न ही बालासाहेब खाड़े का कोई बयान लिया गया है। यह मामला अब और गंभीर हो गया है, क्योंकि बीजेपी महिला कार्यकर्ता ने भी अभिजीत भुजबल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
इस पूरे मामले में न्याय सुनिश्चित करने के लिए अब मुंबई उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर करने की तैयारी की जा रही है। याचिका में यह बताया जाएगा कि महिला का इतना गंभीर बयान होने के बावजूद भी पुलिस प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।
महाराष्ट्र की महिला डीजीपी ऋषि शुक्ला से भी इस मामले में कार्रवाई की मांग की गई है। अब यह देखना होगा कि डीजीपी ऋषि शुक्ला अभिजीत भुजबल के खिलाफ क्या कदम उठाती हैं।
अब यह देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और क्या बालासाहेब खाड़े को न्याय मिल पाएगा।