अलीबाग, महाराष्ट्र:** सांगली के एक सुनार को **5 किलो सोना कम दाम में देने का झांसा** देकर अलीबाग पुलिस स्टेशन के एक कांस्टेबल और उसके सहयोगियों ने **1.5 करोड़ रुपये की वसूली** कर ली। इस पूरे मामले में **तीन हवलदार और 5 प्राइवेट व्यक्ति** शामिल थे।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
सुनार को पहले लालच दिया गया कि **5 किलो सोना सस्ते में मिलेगा**। जब वह डील फाइनल करने अलीबाग पहुंचा, तो उसे **पुलिसिया धौंस और धमकियों** के जरिए जबरन **1.5 करोड़ रुपये देने के लिए मजबूर किया गया**।
इस पूरे मामले में **अलीबाग पुलिस स्टेशन में तैनात कांस्टेबल हनुमंत सूर्यवंशी** मुख्य साजिशकर्ता बताया जा रहा है। सूर्यवंशी और उसके साथियों ने सुनार को फंसाकर उससे मोटी रकम वसूल ली।
वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक भी जांच के घेरे में
इस घटना में **अलीबाग पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक साले** पर भी **गंभीर आरोप लगे हैं**। जब यह वारदात हुई, तो उन्होंने मामले को दबाने की कोशिश की और कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की। अब **FIR में उनका भी नाम दर्ज किया गया है**, और उनकी **गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है**।
अब तक कितनी गिरफ्तारियां हुईं?
अब तक **2 कांस्टेबल और 5 प्राइवेट व्यक्तियों** को गिरफ्तार किया जा चुका है। हालांकि, **मुख्य आरोपी हनुमंत सूर्यवंशी अभी भी फरार है**। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है और जल्द ही उसे पकड़ने का दावा कर रही है।
क्या बोले पुलिस अधिकारी?
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह मामला बेहद गंभीर है और इसमें शामिल **हर दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी**।
अगले कदम क्या होंगे?
– फरार कांस्टेबल **हनुमंत सूर्यवंशी** की तलाश तेज की जाएगी।
– **वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक साले** की भूमिका की विस्तृत जांच होगी।
– गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद **और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं**।
इस घटना ने अलीबाग पुलिस की छवि पर गहरा दाग लगा दिया है। अब सवाल यह है कि क्या **पुलिस विभाग अपने भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करेगा** या फिर यह मामला भी किसी फाइल में दफन हो जाएगा?