महात्मा फुले मागासवर्ग महामंडळ में भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर तीन साल से जारी उपोषण — दलित समाजसेवक मधुकर रगडे का सरकार को भावुक निवेदन
मुंबई, 5 अप्रैल 2025 — महात्मा फुले मागासवर्ग महामंडळ में हुए कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ पिछले तीन वर्षों से आजाद मैदान, मुंबई में उपोषण कर रहे छत्रपति संभाजीनगर निवासी दलित समाजसेवक मधुकर रायाजी रगडे ने मुख्यमंत्री व गृहमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस को एक अत्यंत गंभीर और भावनात्मक निवेदन भेजा है। इस निवेदन में उन्होंने भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने और न्याय न मिलने की स्थिति में आत्महत्या करने की चेतावनी दी है।
रगडे का कहना है कि उन्होंने दिनांक 24 नवंबर 2021 से लोकतांत्रिक तरीके से भ्रष्टाचार के खिलाफ उपोषण शुरू किया था। इसके बाद तत्कालीन व्यवस्थापकीय संचालक बिपिन श्रीमाळी द्वारा एक चार सदस्यीय जांच समिति गठित की गई, लेकिन इस समिति ने बिना किसी साक्ष्य, दस्तावेज, या उनसे बयान लिए उन्हें ब्लैकमेलर करार दिया।
जांच समिति ने की चरित्र हत्या
रगडे का आरोप है कि समिति के सदस्यों — पी.बी. गेडाम, व्ही.ए. जाधव, एस.एस. भोसले और आर.एम. पाटील — ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से अपमानित करते हुए रिपोर्ट में लिखा कि वह ब्लैकमेलिंग कर रहे हैं। इस कारण न सिर्फ जांच को रोक दिया गया, बल्कि एक निष्कलंक दलित समाजसेवक की छवि को भी नुकसान पहुंचाया गया।
पुलिस और गृह विभाग ने भी नहीं दी राहत
रगडे ने बताया कि उन्होंने संबंधित पुलिस थाने और गृह विभाग के अधिकारियों को भी कई बार शिकायतें भेजीं, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया कि 27 फरवरी 2024, 8 मार्च 2023 और 30 जनवरी 2025 को दिए गए निवेदनों का कोई जवाब नहीं मिला।
जिम्मेदारों पर एफआईआर की मांग
रगडे ने मांग की है कि उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाने वाले सभी संबंधित अधिकारियों — बिपिन श्रीमाळी, घनश्याम मंगळे, प्रशांत गेडाम, आर.एम. पाटील, व्ही.ए. जाधव और एस.एस. भोसले — पर अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार प्रतिबंधक कानून के तहत अपराध दर्ज किया जाए।
भावनात्मक अपील और चेतावनी
रगडे ने चेतावनी दी है कि यदि आगामी 21 दिनों में दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं होती, तो 1 मई 2025 के बाद वह किसी भी समय आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठा सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी मृत्यु की स्थिति में उपरोक्त सभी अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाए।
संलग्न दस्तावेजों में शामिल हैं:
- चौकशी आदेश व रिपोर्ट की प्रतियां
- पुलिस व गृह विभाग को दिए गए निवेदन
- संबंधित पत्राचार की प्रतियां
यह मामला अब राज्य सरकार के लिए न केवल प्रशासनिक, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से भी गंभीर बन चुका है।
(संपर्क: मधुकर रायाजी रगडे, मो. 8422956311)