मुख्य संपादक नदीम कपूर*
मुंबई: बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के बी-वॉर्ड में कार्यरत एक डॉक्टर और एक अन्य कर्मचारी को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। इन दोनों अधिकारियों ने एक होटल व्यवसायी से उसकी स्वास्थ्य विभाग की लाइसेंस नवीनीकरण प्रक्रिया के लिए रिश्वत की मांग की थी।
*क्या है मामला?
ACB के अनुसार, शिकायतकर्ता एक रेस्टोरेंट संचालक है, जिसका स्वास्थ्य विभाग का लाइसेंस 21 फरवरी को समाप्त हो गया था। जब उसने बी-वॉर्ड कार्यालय (जो JJ अस्पताल के पास स्थित है) में लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए संपर्क किया, तो उसे डॉ. रेशमा साबले के पास भेजा गया। वहां पर गोविंद घावटे नामक कर्मचारी ने शिकायतकर्ता से कहा कि यदि वह अपने रेस्टोरेंट को “NTR (Not to Renew)” सूची से हटवाना चाहता है, तो उसे ₹6,000 “मैडम” (डॉ. साबले) के लिए देने होंगे।
शिकायतकर्ता ने ACB से की शिकायत
शिकायतकर्ता इस अवैध मांग से परेशान हो गया और रिश्वत देने के बजाय 21 मार्च को ACB मुंबई कार्यालय पहुंचा और लिखित शिकायत दर्ज करवाई। ACB अधिकारियों ने शिकायत की पुष्टि करने के बाद जाल बिछाया और घावटे को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया।
आरोपियों पर केस दर्ज, कोर्ट ने भेजा हिरासत में
इसके बाद, ACB ने डॉ. रेशमा साबले और गोविंद घावटे के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। दोनों आरोपियों को सोमवार को गिरफ्तार किया गया और मंगलवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
ACB के अधिकारियों ने बताया कि स्वास्थ्य लाइसेंस नवीनीकरण ऑनलाइन भी किया जा सकता था, लेकिन डॉ. साबले ने जानबूझकर प्रक्रिया में बाधा डालकर रिश्वत की मांग की थी। यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि कैसे कुछ भ्रष्ट अधिकारी नागरिकों को अनावश्यक परेशानी में डालकर अवैध रूप से धन वसूलते हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी
ACB ने नागरिकों से अपील की है कि यदि वे किसी सरकारी अधिकारी द्वारा रिश्वत मांगने की घटना का सामना करते हैं, तो ACB हेल्पलाइन पर तुरंत शिकायत दर्ज कराएं। मुंबई जैसे महानगर में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए आम जनता की जागरूकता और सहयोग जरूरी है।