एनसीबी मुंबई के जोनल डायरेक्टर अमित घावटे पर भ्रष्टाचार और आत्महत्या के लिए उकसाने के गंभीर आरोप, वरिष्ठ पत्रकार ने की एफआईआर दर्ज करने की मांग



एनसीबी मुंबई के जोनल डायरेक्टर अमित घावटे पर भ्रष्टाचार और आत्महत्या के लिए उकसाने के गंभीर आरोप, वरिष्ठ पत्रकार ने की एफआईआर दर्ज करने की मांग

नवी मुंबई, 1 मई 2025

प्रख्यात खोजी पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता श्री नदीम कपूर ने नवी मुंबई के पुलिस आयुक्त को एक गंभीर शिकायत पत्र भेजकर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB), मुंबई के जोनल डायरेक्टर श्री अमित घावटे पर भ्रष्टाचार, जबरन वसूली और आत्महत्या के लिए उकसाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।

कपूर ने अपने पत्र में लिखा है कि जनवरी 2025 में एनसीबी ने नवी मुंबई एक बड़े ऑपरेशन में ₹200 करोड़ की ड्रग्स जब्त की थी। इस कार्रवाई में केवल ₹1.6 लाख नकद जब्त दिखाया गया, जबकि विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार वास्तव में ₹7 करोड़ की नकदी जब्त की गई थी, जिसे कथित रूप से श्री अमित घावटे ने निजी हित में हड़प लिया।

इस गंभीर अनियमितता को लेकर कपूर ने 17 फरवरी 2025 को केंद्र सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारियों, मंत्रालयों और यहां तक कि लोकपाल को शिकायत भेजी। इसके जवाब में एनसीबी मुंबई कार्यालय से 24 फरवरी को पत्र (संख्या F.No.III/5(228)/Vig/DDG/SWR/2025/17) आया, जिसमें उनसे सबूत मांगे गए। इस पर 6 मार्च को उन्होंने एक विस्तृत जवाब भेजा, जिसमें कुछ अतिरिक्त आरोप भी जोड़े गए, जैसे:

– बिना अधिकृत अनुमति के “पुलिस” लिखा वाहन और लाल बत्ती का इस्तेमाल,  

– कुछ फार्मास्युटिकल कंपनियों के साथ अवैध संबंध,  

– जब्त की गई रकम का वीडियो प्रमाण नहीं होना।

इस बीच, 26 अप्रैल 2025 को नवी मुंबई के प्रसिद्ध बिल्डर गुरु नाथ चिंचकर ने अपने घर पर आत्महत्या कर ली। उनके बेटे को इसी ₹200 करोड़ ड्रग्स केस में कथित रूप से आरोपी बनाया गया था, लेकिन अभी तक उसे गिरफ्तार नहीं किया गया है। आत्महत्या से पहले छोड़े गए सुसाइड नोट में गुरु नाथ चिंचकर ने लिखा कि उन्हें और उनके परिवार को एनसीबी द्वारा बार-बार धमकाया और परेशान किया जा रहा था।

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, मृतक के भाई धीरेज चिंचकर ने आरोप लगाया है कि एनसीबी अधिकारियों द्वारा ₹15 करोड़ की रिश्वत की मांग की जा रही थी। उन्होंने सीधे श्री अमित घावटे को इस मांग के लिए जिम्मेदार ठहराया।

इन सभी घटनाओं के प्रकाश में श्री कपूर ने मांग की है कि:

– श्री अमित घावटे के खिलाफ भ्रष्टाचार, जबरन वसूली और आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की जाए,  

– उन्हें तत्काल सस्पेंड किया जाए,  

– मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए ताकि निष्पक्ष और पारदर्शी जांच हो सके,  

– इस मामले से जुड़े गवाहों और शिकायतकर्ताओं को पूर्ण सुरक्षा दी जाए।

पत्र को नवी मुंबई पुलिस आयुक्त कार्यालय द्वारा उचित कार्रवाई हेतु संबंधित विभागों को अग्रेषित कर दिया गया है।

अब सबकी निगाहें नवी मुंबई के ईमानदार पुलिस आयुक्त पर टिकी हैं कि वे इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाते हैं। यह सवाल सभी के मन में है — बेटे की सजा बाप को क्यों मिली?


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